नई दिल्ली, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने साल 2006 में एसबीआई से हुई 8 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब दो दशक से फरार चल रही महिला आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित महिला का नाम मणि एम. शेखर है, जिसे 12 जुलाई को इंदौर से गिरफ्तार किया गया।
यह मामला मणि एम. शेखर और उसके पति आर.एम. शेखर द्वारा इंडो मार्क्स प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों के जरिए फर्जी तरीके से बैंक लोन लेकर पैसे के गलत इस्तेमाल से जुड़ा था। दंपत्ति पर आरोप था कि साल 2002 से 2005 के बीच दोनों ने मिल कर बैंक से करीब 8 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। जांच के बाद सीबीआई ने साल 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया था। दोनों पति-पत्नी लंबे समय तक कोर्ट में पेश नहीं हुए और साल 2009 में अदालत ने उन्हें फरार अपराधी घोषित कर दिया।
सीबीआई ने कई सालों तक इन दोनों का पता लगाने की कोशिश की लेकिन दोनों ने अपनी पहचान बदल ली थी। उन्होंने अपने नाम बदल कर ‘कृष्ण कुमार गुप्ता’ और ‘गीता गुप्ता’ रख लिए थे। इसके साथ ही उन्होंने अपना मोबाइल नंबर, ईमेल और बाकी जानकारियां भी बदल दी थीं। इस वजह से उनके बारे में सुराग मिलना बेहद मुश्किल हो गया था।
सीबीआई ने उन्नत इमेज सर्च और डिजिटल एनालिटिक्स टूल्स का इस्तेमाल कर दोनों की पहचान की। पुराने फोटो और दस्तावेजों से मेल करते हुए सिस्टम ने 90 फीसदी से ज्यादा मिलान के आधार पर यह पुष्टि की कि गीता गुप्ता ही असल में मणि एम. शेखर है। जब जांच टीम ने इंदौर जाकर स्थानीय सत्यापन किया तो यह बात सामने आई कि आर. एम. शेखर की 2008 में ही मौत हो चुकी थी, लेकिन उसकी पत्नी मणि अब भी फर्जी नाम से वहां रह रही थीं।
सीबीआई टीम ने 12 जुलाई को उसे गिरफ्तार कर बेंगलुरु की अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
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(Udaipur Kiran) / prashant shekhar
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