नई दिल्ली, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जल्द ही एक वैश्विक बोर्ड शुरू करेगा, जिससे भारतीय शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय मानकों से जोड़ने में मदद मिलेगी। शिक्षा मंत्री प्रधान ने यहां भारत मंडपम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के पांच वर्ष पूरे होने के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम-2025 के उद्घाटन सत्र में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार एनईपी-2020 को शिक्षा प्रणाली में आदर्श बदलाव के साथ कक्षाओं, परिसर और समुदाय तक पहुंचाने में सफल रही है। शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। इनमें सीबीएसई, नवोदय विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय और एनसीईआरटी की नई इमारतें शामिल हैं। कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री जयंत चौधरी, पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार और 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों ने भाग लिया।
शिक्षा मंत्री प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख निर्माता डॉ. के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि एनईपी एक वैचारिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक जागरण का दस्तावेज है, जो भारत को 21वीं सदी की ज्ञान महाशक्ति बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। पांच साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में 34 साल बाद परिवर्तन का जो सपना देखा था, वह अब जमीनी हकीकत बन चुका है। आज हम शिक्षा को केवल डिग्री तक सीमित न रखकर जीवन निर्माण का आधार बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में एनईपी के प्रावधानों को जमीन पर उतारा जा रहा है और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई नहीं है। बाल वाटिका 1, 2 और 3 को अब औपचारिक शिक्षा प्रणाली में शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही जादुई पिटारा और 117 भारतीय भाषाओं में प्राइमर जैसी पहलें बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को मातृभाषा और लोक भाषा से जोड़ रही हैं। यह आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा पैराडाइम शिफ्ट है।
उन्होंने सीबीएसई को अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि पहली बार कक्षा 10वीं में दो बार बोर्ड परीक्षा की योजना को मौजूदा शैक्षणिक सत्र से लागू किया है, जिससे छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि सीबीएसई जल्द ही एक वैश्विक बोर्ड शुरू करेगा, जिससे भारतीय शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय मानकों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
शिक्षा मंत्री ने एनसीआरटी के आज लॉन्च किये गये तारा ऐप की सराहना करते हुए कहा कि यह ऐप कक्षा 3 से 8 तक के छात्रों की पढ़ने की क्षमता का मूल्यांकन करेगा और शिक्षकों को डेटा-आधारित निर्णय लेने में मदद करेगा। यह ऐप हिन्दी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध है और जल्द ही अन्य भारतीय भाषाओं में भी पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कक्षा 6 से कौशल शिक्षा को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में शामिल कर लिया गया है, जिससे छात्र कम उम्र से ही व्यावसायिक दक्षता हासिल कर सकें।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया जिन समस्याओं से जूझ रही है, उनका समाधान हम भारत के गांवों से निकालेंगे। हमारी सोच स्थानीय है लेकिन समाधान वैश्विक होंगे। प्रधान ने कहा कि वर्तमान में क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भारत की 3 यूनिवर्सिटी शामिल हैं, लेकिन उनका लक्ष्य है कि “भारत की कम से कम 25 विश्वविद्यालयों को वैश्विक मान्यता मिले, तभी हम कह सकेंगे कि एनईपी 2020 सफल हुई है।”————–
(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
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