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अरुणाचल में 66 सीमा गांव होंगे विकसित: मुख्यमंत्री खांडू

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इटानगर, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने जानकारी दी है कि राज्य के भारत-म्यांमार सीमा से लगे 66 गांवों को केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) के तहत विकास के लिए चिन्हित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि ये गांव तिराप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों में स्थित हैं। इनमें सबसे अधिक 42 गांव चांगलांग जिले में, 13 लोंगडिंग में और 11 गांव तिराप जिले में हैं।

खांडू ने इस पहल को ‘लास्ट माइल डेवलपमेंट’ करार देते हुए कहा कि इन गांवों में सड़क, टेलीकॉम, बिजली, आजीविका के अवसरों और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, चुने गए गांवों में लोंगडिंग जिले का वक्का गांव सबसे अधिक जनसंख्या वाला है, जहां 2,000 से अधिक लोग रहते हैं। इसके बाद चांगलांग का गांधीग्राम (1,754) और लोंगडिंग का खानू (1,629) आता है।

दूसरी ओर, सबसे कम आबादी वाले गांव चांगलांग जिले में स्थित हैं—ओल्ड पोटुक (41), गहेरीग्राम (57) और लुंगतुङ (71)।

चिन्हित गांवों की सूची इस प्रकार है: तिराप जिला: ओल्ड बंटिंग, सानलियाम, राहो, लाजू, नोगलो, अपर चिन्हान, लोअर चिन्हान, टुटन्यु, लोन्‍येन्, न्यू कोथुंग, और नोग्ना। लोंगडिंग जिला: वक्का, खानू, चोंगखो, चोप, खोगला, कांपोंग, जगन, खसा, कन्नू, कोन्सा, लोअर पोंगचाउ, पोंगचाउ, पोंगचाउ मुख्यालय, और वोटनु। और, चांगलांग जिला: खगम-मियाओ, कान्टांग, खिमियोंग, मानमाओ, नामपोंग, यटडम, और विजयनगर ब्लॉकों में फैले 42 गांव।

अधिकारियों के अनुसार, यह योजना सीमावर्ती गांवों में पर्यटन, आवास, अक्षय ऊर्जा, सड़क एवं दूरसंचार जैसी आवश्यक सुविधाओं में सुधार लाकर स्थानीय निवासियों को वहीं रहने के लिए प्रेरित करने की दिशा में काम करेगी।

उल्लेखनीय है कि वीवीपी के पहले चरण में, 15 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार ने भारत-भूटान और भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित 455 गांवों को विकास के लिए मंजूरी दी थी, जिनमें से 135 गांव अभी तक सड़क संपर्क से वंचित हैं।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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