चकबंदी विवादों में तकनीकी और पारदर्शिता का सहारा लें: सीएम योगी
लखनऊ, 03 मई . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजस्व विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने बैठक की शुरुआत में ही दो महत्वपूर्ण बिंदुओं ”राजस्व वादों के समयबद्ध निस्तारण और भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण’ को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि इन कार्यों को प्रत्येक स्तर पर तीव्र गति से पूरा किया जाए.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भूमि संबंधी विवादों का शीघ्र समाधान न केवल जनविश्वास, बल्कि राज्य में निवेश और विकास के लिए भी आवश्यक है. वहीं लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त और उत्तरदायी शासन प्रणाली की नींव है. उन्हाेंने कहा कि राजस्व विभाग जनविश्वास का आधार है और उसकी कार्य संस्कृति जनकेंद्रित, तकनीकी रूप से दक्ष और संवेदनशील होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शेष भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण शीघ्र पूर्ण किया जाए और शहरी क्षेत्रों का लैंड रिकॉर्ड तैयार कर उसे प्राथमिकता से ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाए. उन्होंने राजस्व परिषद के पोर्टल की रीडिजाइनिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल और परिणाममूलक होना चाहिए. साथ ही लेखपाल से लेकर आयुक्त स्तर तक एकीकृत डैशबोर्ड विकसित करने का निर्देश दिया, ताकि विभागीय निगरानी सरल हो सके और आमजन को सीधा लाभ मिले. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्राधिकरणों के लैंडयूज डेटा को खतौनी पर प्रदर्शित किया जाए और धारा 80 के अंतर्गत भू-उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नामांतरण वादों को पूर्णतः ऑटोमेट किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करें. इससे नागरिकों को सुगमता और समयबद्ध न्याय प्राप्त होगा. उन्होंने चकबंदी प्रक्रिया में तकनीकी हस्तक्षेप और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही सावधान किया कि चकबंदी की जटिलताओं के कारण गंभीर सामाजिक विवाद जन्म ले सकते हैं, अतः इसे अत्यंत संवेदनशीलता से निपटाया जाए.
उन्हाेंने निर्देशित किया कि अविवादित वरासत के मामलों का निस्तारण अधिकतम 15 कार्यदिवस के भीतर किया जाए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रियल टाइम खतौनी, आधार सीडिंग, किसान रजिस्ट्री, पैमाइश और खसरा पड़ताल से जुड़े सभी लंबित प्रकरणों का समाधान तय समय सीमा में अनिवार्य रूप से किया जाए. इसके लिए आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था की जाए.
विभाग की प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, विगत वर्ष में ही 36 लाख से अधिक जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र निर्गत किए गए, जिनमें से 85 फीसद आवेदन सात कार्यदिवसों के भीतर ऑनलाइन निस्तारित हुए. मुख्यमंत्री ने इस प्रगति को सराहनीय बताया और सेवा वितरण को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाए जाने के निर्देश दिए.
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में त्वरित सहायता के लिए मुख्यमंत्री ने विभाग की सराहना करते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 में 3.5 लाख से अधिक प्रभावित परिवारों को डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि उपलब्ध कराई गई. उन्होंने निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के सभी लंबित आवेदन अगले 10 कार्यदिवसों में पूर्ण रूप से निस्तारित किए जाएं.
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/ दिलीप शुक्ला
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