गुवाहाटी, 27 जून (Udaipur Kiran) । असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और वोट बैंक के लिए स्वदेशी भावनाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा अवैध प्रवासियों के तुष्टिकरण के कारण राज्य में ‘सत्र’ (वैष्णव मठ) की 13 हजार बीघा (4,300 एकड़ से अधिक) भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कांग्रेस पर करारा हमला किया है। उन्होंने वैष्णव मठों के लिए भूमि को फिर से प्राप्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार की प्रतिबद्धता जतायी है। अपने पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा, कांग्रेस सरकार ने अपने अवैध अप्रवासी वोट बैंक को खुश करने के लिए स्वदेशी लोगों की भावनाओं को नजरअंदाज किया, जिसके कारण 922 सत्र भूमि पर अतिक्रमण किया गया।
उन्होंने कहा कि हजारों बीघा सत्र भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जिसमें बरपेटा में 7,137 बीघा (2,355.21 एकड़), नगांव में 2,583.79 बीघा (852.66 एकड़), बजाली में 2,757.39 बीघा (909.94 एकड़) और लखीमपुर में 896.76 बीघा (295.94 एकड़) भूमि शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उन्हें पुनः प्राप्त करने के मिशन पर जुटे हुए हैं। राज्य सरकार वैष्णव मठों के कल्याण की देखभाल के लिए एक स्थायी ‘सत्र आयोग’ स्थापित करेगी।
इन ऐतिहासिक संस्थानों के मुद्दों का अध्ययन करने के लिए गठित अस्थायी सत्र आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि आयोग का स्थायी निकाय सत्रों को स्थिरता प्रदान करने के लिए काम करेगा।
उल्लेखनीय है कि 24 नवंबर, 2021 को गठित आयोग, जिसके अध्यक्ष असम गण परिषद (अगप) के विधायक प्रदीप हजारिका और सदस्य भाजपा विधायक मृणाल सैकिया और रूपक सरमा थे, ने 126 सत्रों का दौरा किया और वहां मौजूदा समस्याओं की जांच की और रिपोर्ट में कई सिफारिशें कीं।
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(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
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