देशभर से आए 400 से अधिक प्रतिभागियों ने विधिक एवं नीतिगत विषयों पर किया मंथन — आठ समितियों में हुई ऐतिहासिक चर्चा
Prayagraj,05अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . युवा ही विधिक भारत के सशक्त निर्माता हैं. भारत का विधिक भविष्य युवाओं की ऊर्जा, दृष्टि और संवैधानिक समझ पर निर्भर करता है. यह बात sunday को कृष्णार्पित इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में “विधिक कुंभ यूथ कन्वेंशन” के समापन समारोह को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि डिप्टी सॉलिसिटर जनरल शिवकुमार पाल ने कही.
उन्होंने कहा कि जब युवा न्याय, नैतिकता और संवैधानिकता के पक्ष में खड़े होते हैं, तब समाज में वास्तविक परिवर्तन की शुरुआत होती है. प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि विधि केवल एक पेशा नहीं बल्कि समाज सेवा का सशक्त माध्यम है.
देशभर के 400 से अधिक विधि छात्रों, शोधार्थियों एवं युवा प्रतिनिधियों की भागीदारी वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन 4 अक्टूबर को हुआ था. आज के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डिप्टी सॉलिसिटर जनरल शिवकुमार पाल उपस्थित रहे.
इस सम्मेलन की विशेषता रही इसकी आठ विशिष्ट समितियाँ- लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली, यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑल इंडिया स्टूडेंट मीट, इंडियन मीडिया कॉन्क्लेव और इंटरनेशनल प्रेस.
इन समितियों में प्रतिभागियों ने संविधान, मानवाधिकार, शिक्षा, पर्यावरण, नीति-निर्माण, तकनीकी कानून, न्यायिक सुधार एवं मीडिया उत्तरदायित्व जैसे विविध विषयों पर सारगर्भित विमर्श किया.
समापन सत्र में स्वागत भाषण हिमांशु द्वारा दिया गया तथा परिचयात्मक संबोधन अभिषेक वर्मा ने प्रस्तुत किया. दो दिवसीय कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुति युवराज बुंदेला ने दी. समापन सत्र का संचालन डॉ. मृत्युंजय राव परमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन जय मिश्रा ने दिया.
इससे पूर्व आठों समितियों के बेस्ट डेलीगेट्स एवं बेस्ट स्पीकर्स को मुख्य अतिथि शिवकुमार पाल ने सर्टिफिकेट एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया.
समापन अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रतिभागियों ने सोलो डांस एवं ग्रुप सॉन्ग प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और सामूहिक समूह फ़ोटो के साथ हुआ.लीगल चैरियट एवं शंख इनिशिएटिव के संयुक्त तत्वावधान में कृष्णार्पित इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में आयोजित दो दिवसीय “विधिक कुंभ यूथ कन्वेंशन” का sunday को सफलतापूर्वक समापन हुआ. यह आयोजन युवाओं की विधिक चेतना, संवाद और नीतिगत चिंतन को साझा मंच प्रदान करने वाला ऐतिहासिक अवसर साबित हुआ.
आयोजकों ने बताया कि दो दिनों के विमर्श से प्राप्त विचारों और सिफारिशों को संकलित कर तैयार किया गया “युवा घोषणा-पत्र” भविष्य में विधिक और नीतिगत चर्चाओं में युवाओं की भागीदारी को नई दिशा देगा. आयोजन समिति ने इस सम्मेलन को युवा शक्ति के विधिक जागरण और नीति-निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर बताया.
इस मौके पर आयुष विश्वकर्मा, अभिनव मिश्र, ऋषभ द्विवेदी, अभिषेक वर्मा, वात्सल्य, उत्कर्ष त्रिपाठी, युवराज बुंदेला आदि उपस्थित रहे.
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल
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