उत्तराखंड में वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग पर लगाम लगाने और इनका लाभ गरीब मुस्लिम समुदाय तक पहुंचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि 20 अप्रैल से प्रदेश में वक्फ जनजागरण अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वक्फ की संपत्तियां गरीब, पसमांदा मुस्लिम भाइयों और बहनों के कल्याण के लिए उपयोग हो। यह पहल न केवल सामाजिक समानता को बढ़ावा देगी, बल्कि समाज में समरसता और न्याय की भावना को भी मजबूत करेगी।
वक्फ संशोधन: गरीबों के हक की गारंटी
देहरादून में आयोजित वक्फ संशोधन जनजागरण अभियान की कार्यशाला में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह अभियान "गरीबों का हक सिर्फ गरीबों को मिलेगा" के संदेश के साथ शुरू होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन कानून का मकसद धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं, बल्कि वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है।
इस कानून के तहत वक्फ बोर्ड की हर इंच जमीन की जांच की जाएगी और अवैध कब्जों को हटाया जाएगा। धामी ने जोर देकर कहा कि इस कानून से सबसे ज्यादा फायदा मुस्लिम समाज की गरीब महिलाओं, तलाकशुदा और विधवा बहनों, अनाथ बच्चों और जरूरतमंद लोगों को होगा।
कार्यशाला में मौजूद राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने बताया कि अवैध कब्जों से मुक्त कराई गई वक्फ की जमीनों पर गरीब मुस्लिम परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाए जाएंगे। इसके अलावा, इन जमीनों पर अस्पताल, स्कूल और सामुदायिक भवनों जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। गौतम ने कहा कि यह कानून मुस्लिम समाज के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा और विरोध करने वालों की मंशा पर सवाल उठाए।
अभियान की रूपरेखा और लक्ष्य
20 अप्रैल से 5 मई तक चलने वाले इस अभियान में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से वक्फ संशोधन कानून के फायदों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया कि कार्यशाला में इस कानून के कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। अभियान का लक्ष्य समाज के हर वर्ग को इस सुधार के क्रांतिकारी प्रभावों से अवगत कराना है, ताकि विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को दूर किया जा सके।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जैसे धारा 370 हटाना, तीन तलाक पर रोक और राम मंदिर निर्माण। वक्फ संशोधन कानून भी इसी तरह का एक युग परिवर्तनकारी कदम है, जो समानता, न्याय और सबका साथ-सबका विकास के सिद्धांत पर आधारित है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस कानून से किसी की धार्मिक स्वतंत्रता पर कोई आंच नहीं आएगी।
उत्तराखंड में वक्फ संपत्तियों की स्थिति
उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के पास लगभग 5700 संपत्तियां दर्ज हैं। इनमें से कई पर अवैध कब्जे होने की शिकायतें सामने आई हैं। धामी ने कहा कि इन संपत्तियों का सत्यापन कर गहन जांच की जाएगी और जहां भी अतिक्रमण पाया जाएगा, वहां सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार पहले ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी), धर्मांतरण विरोधी कानून और दंगारोधी कानून जैसे कदम उठा चुकी है। वक्फ संशोधन कानून को भी उतनी ही कड़ाई से लागू किया जाएगा ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके।
विपक्ष पर सवाल, समाज के लिए संदेश
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लाखों करोड़ की वक्फ संपत्तियों के बावजूद गरीबों का भला क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस कानून की सही जानकारी जनता तक पहुंचाएं और विपक्ष की भ्रामक राजनीति को बेनकाब करें। गौतम ने जोर देकर कहा कि यह कानून तुष्टीकरण की राजनीति को खत्म करने और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने का एक प्रयास है।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि पहले वक्फ बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों का दुरुपयोग हुआ। कई जगह सरकारी और निजी संपत्तियों पर भी बोर्ड ने दावा किया, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ही पीड़ित हुए। अब इस संशोधन के जरिए ऐसी गलतियों को सुधारा जाएगा।
एक कदम विकसित भारत की ओर
यह अभियान न केवल वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग को सुनिश्चित करेगा, बल्कि मुस्लिम समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। धामी और गौतम ने एक स्वर में कहा कि जब इन संपत्तियों से गरीबों का भला होगा, तो विरोध करने वाले खुद शर्मिंदगी महसूस करेंगे। यह पहल न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।
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