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Narak Chaturdashi Date : जानिए नरक चतुर्दशी कब है, रूप चौदस का महत्व और पारंपरिक पूजा विधि

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Narak Chaturdashi Date : नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली पर्व से एक दिन पहले मनाई जाती है। इसे रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है।

इस दिन का महत्व न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से है बल्कि स्वास्थ्य और शुभता के लिए भी इसे विशेष माना जाता है। इस लेख में हम जानेंगे नरक चतुर्दशी कब है, अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त और रूप चौदस का महत्व।

नरक चतुर्दशी की तारीख 2025

हिंदू पंचांग के अनुसार नरक चतुर्दशी 2025 में 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह दिन अमावस्या के दिन से एक दिन पहले आता है और दीपावली की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस दिन खासकर सुबह का समय बेहद शुभ माना जाता है।

नरक चतुर्दशी का महत्व

नरक चतुर्दशी का संबंध नरकासुर पर भगवान कृष्ण की विजय से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि इस दिन नरकासुर का वध कर अंधकार और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी।

इसी कारण इस दिन को बुराई से मुक्ति और जीवन में उजाला लाने का प्रतीक माना जाता है।

अभ्यंग स्नान का मुहूर्त

इस दिन अभ्यंग स्नान करने का विशेष महत्व है। यह न केवल शरीर से पापों और अशुद्धियों को दूर करता है बल्कि सौभाग्य और स्वास्थ्य भी बढ़ाता है।

अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त

सुबह 6:00 बजे से 8:30 बजे तक सबसे शुभ माना गया है।

कैसे करें अभ्यंग स्नान

तिल या नारियल के तेल का प्रयोग करें।

हल्के हाथों से शरीर की मालिश करें।

स्नान के बाद शुद्ध जल से शरीर को धोएं।

रूप चौदस: क्यों है खास

रूप चौदस का अर्थ है रूप और सौंदर्य का चौदसवाँ दिन। इस दिन विशेष पूजा और घर की साफ-सफाई का महत्व होता है। घर की सफाई और दीपक जलाना न केवल वातावरण को शुभ बनाता है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली भी लाता है।

नरक चतुर्दशी पर विशेष उपाय

स्नान और पूजा: सुबह अभ्यंग स्नान के बाद देवी-देवताओं की पूजा करें।

दीप जलाएं: घर के सभी कोनों में दीपक लगाना शुभ माना जाता है।

काले वस्त्र पहनें: कुछ परंपराओं में इस दिन काले वस्त्र पहनने को भी शुभ माना गया है।

दान और सेवा: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करें।

नरक चतुर्दशी या रूप चौदस हमारे जीवन में न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।

यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत, घर में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक है। अत: इस दिन को खास बनाने के लिए अभ्यंग स्नान, पूजा, दीपक जलाना और दान करना अवश्य करें।

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