मुरादाबाद : समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा ने वंदे मातरम विवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि देशभक्ति दिल की गहराई में बसती है, न कि दिखावे या नारों में। मुरादाबाद में एक सभा के दौरान उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर बात की और कहा कि असली देशभक्त वही है जो देश के लिए जान देने को तैयार हो। उनका यह बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जहां लोग इसे देशभक्ति की सच्ची परिभाषा बता रहे हैं। वंदे मातरम को लेकर चल रहे बहसबाजी के बीच रुचि वीरा का यह बयान विपक्ष और सत्ताधारी दलों के बीच तनाव को और हवा दे सकता है।
रुचि वीरा ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “देशभक्ति कोई ड्रामा नहीं है। यह तो दिल से निकलती है। जो व्यक्ति देश की खातिर अपनी जान की बाजी लगा सकता है, वही सच्चा देशभक्त कहलाने का हकदार है।” उन्होंने इस विवाद को राजनीतिक रंग देने की कोशिशों पर निशाना साधा और कहा कि ऐसे मुद्दों को उछालकर लोग वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वंदे मातरम जैसे राष्ट्रीय गान को लेकर जो बहस छिड़ी हुई है, वह समाज को बांटने का काम कर रही है। सांसद ने अपील की कि हमें एकजुट होकर ऐसे विवादों से ऊपर उठना चाहिए।
ओवैसी पर सपा सांसद का तंज वंदे मातरम विवाद के बीच रुचि वीरा ने असदुद्दीन ओवैसी पर सीधी नोकझोंक की। उन्होंने कहा कि ओवैसी की पार्टी विपक्ष के वोट काटकर एनडीए को फायदा पहुंचा रही है। “ऐसी पार्टियां जो वोट तो विपक्ष के नाम पर मांगती हैं, लेकिन आखिर में एनडीए की झोली भरती हैं, वे सच्ची राजनीति का क्या जवाब देंगी?” रुचि वीरा ने सवाल उठाया। उनका यह बयान लोकसभा चुनावों के बाद की राजनीतिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए आया है, जहां ओवैसी की पार्टी पर कई बार वोट स्प्लिटर होने का आरोप लग चुका है। सपा सांसद ने कहा कि ऐसी रणनीतियां अल्पसंख्यक समुदाय के हितों को चोट पहुंचाती हैं और लंबे समय में सबको नुकसान पहुंचाती हैं।
रुचि वीरा ने ओवैसी के बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि वंदे मातरम जैसे मुद्दों पर उकसावे वाली राजनीति बंद होनी चाहिए। “देश का हर नागरिक राष्ट्रीय गान का सम्मान करता है, लेकिन इसे हथियार बनाकर एक समुदाय को निशाना बनाना गलत है।” उन्होंने ओवैसी की पार्टी को चेतावनी दी कि विपक्ष को मजबूत करने के बजाय वोट काटने वाली राजनीति से कुछ हासिल नहीं होगा। यह बयान मुरादाबाद की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, जहां सपा और अन्य दल पहले से ही सक्रिय हैं।
ममता बनर्जी के SIR विवाद पर सपा सांसद की राय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) विवाद को रुचि वीरा ने चुनाव से पहले की राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को चुनावी फायदे के लिए उछालना बिल्कुल गलत है। SIR को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर रिगिंग का आरोप लगाया है, जिसके जवाब में बीजेपी ने भी तीखे प्रहार किए हैं। रुचि वीरा ने कहा, “चुनाव से ठीक पहले ऐसे विवाद खड़े करना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं। यह वोटरों का विश्वास कम करता है।”
उन्होंने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC की रैली का जिक्र करते हुए कहा कि SIR जैसी प्रक्रियाएं मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाने के लिए हैं, लेकिन इसे राजनीतिक हथियार बनाना अनुचित है। “ममता जी एक मजबूत नेता हैं, लेकिन चुनावी मौसम में हर मुद्दे को जोड़ना सही नहीं लगता।” सपा सांसद ने अपील की कि सभी दल मिलकर निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करें। यह विवाद पश्चिम बंगाल में तेज हो रहा है, जहां SIR के तहत लाखों वोटरों की जांच हो रही है। रुचि वीरा का बयान विपक्षी एकता को मजबूत करने का संदेश देता नजर आता है।
SIR विवाद में ममता बनर्जी ने कहा था कि बीजेपी वोटरों को हटाकर सत्ता हथियाना चाहती है। इसके जवाब में रुचि वीरा ने कहा कि ऐसी अफवाहें फैलाना भी लोकतंत्र को कमजोर करता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी पार्टियां मिलकर चुनाव आयोग से बात करें ताकि पारदर्शिता बनी रहे। मुरादाबाद में सपा कार्यकर्ताओं ने भी इस बयान का स्वागत किया है।
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